उत्तराखंड कांग्रेस लोक सभा वार रूम पर घमासान

लोक सभा की चुनाव तैयारियों में जी जान से जुटी उत्तराखंड कांग्रेस ने आखिर वार रूम स्थापित कर ही दिया। वार रूम बनते है उत्तराखंड कांग्रेस में एक नया वार शुरू हो गया। कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओ से जब अज्ञानी ने बात की तो गुटबाज़ी फिर खुल के सामने आ गयी। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के अनुसार वार रूम में उन्ही लोगो को जगह मिली जो प्रदेश अध्यक्ष के अत्यंत करीब माने जाते है। अब यक्ष प्रश्न यह है की जिन लोगों को श्री कारन माहरा ने वार रूम का दायित्व दिया है वो क्या उनकी कसौटी पर खरे उतर पाएंगे। उनमे से किसी ने न तो विधानसभा का चुनाव लड़ा है और न ही लोक सभा का अनुभव है। कांग्रेस की गुटबाज़ी इस चरम पर है की युवाओं को साथ लेकर चलने वाले श्री कारन माहरा ने न तो एन एस यु आई के अध्यक्ष को तबज़्ज़ो दी न ही युवा कांग्रेस के अध्यक्ष को सदस्य बनाया। सबसे महत्वपूर्ण बात ए है बिना सोसल मिडिया के किसी भी चुनाव की परिकल्पना नहीं की जा सकती ,यहाँ तो वार रूम में सोसल मिडिया प्रदेश अध्यक्ष विकाश नेगी को भी जगह नहीं मिली।

सबको साथ लेकर चलने की बात करने वाले श्री महारा जी ने प्रीतम सिंह गुट के किसी भी व्यक्ति को भी जगह नहीं दी।

अब प्रश्न यह उठता है को एक तरफ बी जे पी जहाँ सभी लोक सभा सीटों को जितने को दवा कर रही है और अपने अनुभवी मिडिया और सोसल मिडिया की टीम को उतार चुकी है वही कांग्रेस किस दिशा में कार्य कर रही है ए तो वक़्त ही बातयेगा। कांग्रेस के अन्य निकायों के अध्यक्षों ने इस पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया लेकिन कही न कहीं उनकी बातों से असंतोष झलक ही गया। प्रीतम सिंह गुट ने पहले ही कांग्रेस भवन से दुरी बना कर रखी हैं । जो लोग बचे हुए थे उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष के दरबारी के रूप में खुद को साबित किया है और पदोन्नति प्राप्त की। एक कार्यकर्त्ता ने तो यहाँ तक बोल दिया की जितने लोग वॉर रूम के सदस्य है उनके पास खुद के लोग नहीं हैं और नही कभी चुनाव लडे है।

ऐसे में क्या उत्तराखंड की लोक सभा सीटों पर उत्तराखंड कांग्रेस अपना परचम लहरा पायेगी। कुछ लोगों का मत यह भी था की ये वार रूम किसी अनुभवी नेता तो वर्तमान विधायक हो या पूर्व विधायक या बड़े नेता के देख रेख में होनी चाहिए।

एसे में जब कांग्रेस अपने ही पदाधिकारिओं की साध नहीं पा रही तो ऐसे में कांग्रेस की वार रूम और कितने वार कराएगी ए आने वाला समय ही बताएगा। अगर प्रीतम सिंह गुट के माने तो राजीव भवन आजकल दरबारिओं का घर है जो दरबार करेगा वो पद पायेगा अन्यथा समर्पित कार्यकर्ताओं के हिस्से में कुछ नहीं आएगा। अब आने वाला वक़्त है बताएगा की ए वार रूम का असंतोष आगे आगे क्या क्या गुल खिलायेगा।

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